आमतौर पर जिस वक्त देश में सर्दी की शुरुआत हो रही होती है, उस वक्त मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिलता है. इस समय देश के लगभग 90% क्षेत्र में बादल छाए हुए हैं, जिसके लिए बंगाल की खाड़ी में बने विभिन्न दबाव जिम्मेदार हैं। इस बीच आंध्र प्रदेश के तट से चक्रवात ‘मोंथा’ के टकराने का गंभीर खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग ने ‘मोंठ’ के कारण अत्यधिक भारी वर्षा के लिए ‘रेड अलर्ट’ घोषित किया है, जहां हवा की गति 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. इस प्राकृतिक आपदा के खिलाफ सिस्टम को तैयार रहने का निर्देश दिया गया है.
गुजरात में बेमौसम बारिश और किसानों की चिंता की कहानी
एक तरफ साइक्लोन मोनथानो का खतरा मंडरा रहा है तो दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में बने एक और डिप्रेशन के कारण गुजरात पर बेमौसम बारिश का खतरा भी मंडरा रहा है. सौराष्ट्र के अमरेली, भावनगर और गिर सोमनाथ जैसे जिलों में बारिश के हालात बने हुए हैं. इस बेमौसम बारिश से किसानों की खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. तैयार फसलें खराब होने से किसान आर्थिक संकट में हैं और उनकी साल भर की मेहनत बर्बाद हो गयी है. किसानों में व्यापक चिंता और आक्रोश है।
मंत्री प्रभावित इलाकों और राहत कार्यों में तैनात
बेमौसम बारिश से पैदा हुई गंभीर स्थिति और किसानों को हुए नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार तुरंत एक्शन में आ गई है. केंद्रीय और राज्य मंत्रियों को प्रभावित जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ये मंत्री तत्काल प्रभाव से प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे हैं, जहां वे प्रशासनिक व्यवस्था को जरूरी निर्देश दे रहे हैं. उनका मुख्य उद्देश्य क्षति सर्वेक्षण में तेजी लाना, आवश्यक सेवाएं प्रदान करना और राहत कार्यों का प्रभावी ढंग से समन्वय करना है, ताकि किसानों को तत्काल सहायता मिल सके।



