दिवाली त्योहार की लंबी छुट्टियों के चलते जूनागढ़ शहर और इसके आसपास के पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों की भारी भीड़ देखी गई. गुजरात समेत अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक जूनागढ़ पहुंचे, जिससे पर्यटक स्थलों पर मेले जैसा माहौल बन गया. भवनाथ क्षेत्र, गिरनार पर्वत, पुनर्निर्मित पामेलो उपराकोट किला और एशियाई शेरों का घर माना जाने वाला सासन-गिर पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बन गया। पर्यटकों ने धार्मिक स्थलों के भ्रमण के साथ ही प्रकृति और इतिहास का आनंद लिया।
धार्मिक स्थल एवं रोपवे का विशेष आकर्षण
पर्यटक विशेष रूप से धार्मिक स्थलों की ओर आकर्षित हुए। भवनाथ क्षेत्र स्थित विभिन्न मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। इसके अलावा गिरनार पर्वत तक पहुंचने के लिए रोपवे सुविधा भी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो गई है। बड़ी संख्या में पर्यटकों ने जैन मंदिरों और मां अंबा के दर्शन के लिए रोपवे के माध्यम से पहाड़ की चोटी तक की यात्रा का आनंद लिया। रोपवे ने बुजुर्गों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए भी गिरनार की यात्रा को आसान बना दिया है, जिससे पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
सासन गिर और ऊपरकोट में रोमांचक अनुभव
जूनागढ़ के आसपास के अन्य पर्यटक स्थलों पर भी पर्यटकों ने जमकर मौज-मस्ती की. पर्यटकों की भीड़ विशेष रूप से सासन-गिर की ओर देखी गई, जहां उन्हें एशियाई शेरों के ‘सिंह दर्शन’ के अनूठे रोमांच का अनुभव हुआ। इसके साथ ही हाल ही में जीर्णोद्धार के बाद पर्यटकों के लिए खोला गया ऊपरकोट का किला भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का नया केंद्र बन गया है। ऊपरकोट के नये स्वरूप और वहां आयोजित विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों ने पर्यटकों को इतिहास और मनोरंजन का मिश्रण प्रदान किया। कुल मिलाकर, दिवाली की छुट्टियां जूनागढ़ के पर्यटन उद्योग के लिए बहुत लाभदायक मौसम था।



