25 C
Aligarh
Wednesday, October 29, 2025
25 C
Aligarh

लोकजनता सम्पादकीय -: चुनावी स्वच्छता अभियान

देश के 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के दूसरे चरण की घोषणा भारतीय लोकतंत्र की चुनावी प्रक्रिया में विश्वसनीयता और पारदर्शिता की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। मतदाता सूची की शुद्धता एवं सटीकता निष्पक्ष चुनाव की नींव है और इस दृष्टि से यह कदम लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करेगा। यह सिर्फ एक प्रशासनिक कवायद नहीं है, बल्कि जन-प्रतिनिधि व्यवस्था को शुद्ध करने का गंभीर प्रयास है।

उत्तर प्रदेश को केंद्र में रखकर देखें तो इस पहल का महत्व और भी बढ़ जाता है। देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते यहां के मतदाता आंकड़े चुनावी समीकरणों को निर्णायक रूप से प्रभावित करते हैं। उत्तर प्रदेश में इस समय करीब 16 करोड़ मतदाता हैं. चुनाव आयोग के अनुमान के मुताबिक, इस पुनरीक्षण प्रक्रिया में करीब 25 लाख नए मतदाता जुड़ने की संभावना है, जबकि 12 लाख नाम हटाए जाने की संभावना है. इनमें मुख्य रूप से मृत, दोबारा आये नाम या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाये जायेंगे. यह प्रक्रिया निस्संदेह राज्य के लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व को और अधिक विश्वसनीय बनाएगी।

पिछले 21 वर्षों से इस स्तर पर व्यापक समीक्षा का अभाव चिंता का विषय रहा है। इसके पीछे तकनीकी सीमाएं, प्रशासनिक उदासीनता और राज्यों के बीच समन्वय की कमी और विशेष परिस्थितियों को कारण बताया गया था, लेकिन अब डिजिटल सत्यापन, आधार लिंकेज, मोबाइल ऐप आधारित फील्ड एंट्री और ऑनलाइन सत्यापन प्रणाली जैसी नई प्रौद्योगिकियों ने इस प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और कुछ हद तक सरल और त्रुटि मुक्त बना दिया है। इससे फर्जी मतदाताओं की पहचान करने, नकल रोकने और स्थानांतरित मतदाताओं को सही बूथ पर पंजीकृत करने में मदद मिलेगी, लेकिन पूरी तरह से सटीक सूची सुनिश्चित करने के लिए आयोग को निरंतर निगरानी और त्रिस्तरीय सत्यापन प्रणाली लागू करनी होगी।

फील्ड वेरिफिकेशन टीमों को प्रशिक्षण और पूरी जवाबदेही के साथ काम करना होगा, इससे विपक्ष के ‘वोट चोरी’ के आरोपों का तथ्यात्मक जवाब मिल सकेगा. आयोग के मुताबिक प्रक्रिया निष्पक्ष है. बिहार में हालिया पुनरीक्षण के दौरान 65 लाख नाम हटाए गए और 48 लाख नए मतदाता जोड़े गए, लगभग 40 हजार संदिग्ध प्रवासी मतदाताओं की पहचान की गई. असम को फिलहाल इस सूची से बाहर रखा गया है क्योंकि वहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और मतदाता सूची का समन्वय जटिल है. तकनीकी हस्तक्षेप और डेटा गोपनीयता को लेकर पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल सरकारों की आपत्तियों पर आयोग ने इन राज्यों को आश्वासन दिया है कि मतदाता सूची से संबंधित हर डेटा सुरक्षित रहेगा और राज्य सरकारों को सत्यापन प्रक्रिया में समान भागीदारी दी जाएगी। फिर भी राजनीतिक विवाद अपरिहार्य है।

कुल मिलाकर मतदाता सूची को अद्यतन करने का यह विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम लोकतंत्र की आत्मा को शुद्ध रखने का एक प्रयास है, जो वोट देने के अधिकार को सुरक्षित रखने के साथ-साथ जनता के उस विश्वास को भी मजबूत करता है जिस पर लोकतांत्रिक शासन की इमारत खड़ी है, जिसकी सफलता नागरिकों की जागरूकता और आयोग की निष्पक्षता दोनों पर समान रूप से निर्भर करती है।

FOLLOW US

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Related Stories

आपका शहर
Youtube
Home
News Reel
App