पवन सिंह समाचार: भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह को वाराणसी कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अपर जिला जज (प्रथम) देवकांत शुक्ला की अदालत ने लाखों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। कोर्ट के इस फैसले के बाद पवन सिंह की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी गई है.
यह मामला वाराणसी के होटल एवं ट्रैवल्स कारोबारी विशाल सिंह द्वारा दायर धोखाधड़ी मामले से जुड़ा है. विशाल सिंह ने कैंट थाने में शिकायत दर्ज करायी थी कि फिल्म में निवेश के नाम पर पवन सिंह समेत तीन लोगों ने उनसे धोखाधड़ी की है.
निवेश के नाम पर धोखाधड़ी
शिकायतकर्ता विशाल सिंह ने मीडिया को बताया कि साल 2017 में उनकी मुलाकात प्रेमशंकर राय और उनकी पत्नी सीमा राय से मुंबई में हुई थी. ये दोनों खुद को फिल्म प्रोड्यूसर बताते थे. उन्होंने विशाल से कहा कि एक बड़ी भोजपुरी फिल्म बन रही है, जिसमें पैसा लगाने पर भारी मुनाफा होगा. 2018 में वाराणसी के नदेसर स्थित एक ट्रैवल्स ऑफिस में विशाल की मुलाकात पवन सिंह से भी हुई थी।
विशाल सिंह ने पवन सिंह पर क्यों किया भरोसा?
पवन सिंह ने कथित तौर पर फिल्म की सफलता का आश्वासन दिया और निवेश को सुरक्षित बताया। इस ट्रस्ट पर विशाल सिंह ने लाखों रुपये निवेश किये. लेकिन न तो फिल्म पूरी हुई और न ही निवेश की गई रकम वापस मिली. इसके बाद उन्होंने तीनों पर मिलीभगत और धोखाधड़ी का आरोप लगाया.
‘वह फिल्म के हीरो थे, लेन-देन से कोई लेना-देना नहीं’
मंगलवार को हुई सुनवाई में पवन सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मंगलेश दुबे, अमन कुमार त्रिपाठी और रामानंद पांडे ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा. उन्होंने तर्क दिया कि पवन सिंह केवल एक फिल्म अभिनेता थे और किसी भी तरह के पैसे के लेनदेन में शामिल नहीं थे।
वकीलों ने क्या कहा?
वकीलों ने यह भी बताया कि विशाल सिंह का पैसा सीधे निर्माता प्रेमशंकर राय के खाते में गया था. इस संबंध में दस्तावेज और लेन-देन का ब्योरा भी अदालत में पेश किया गया. तमाम तथ्यों और दलीलों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने माना कि इस वक्त पवन सिंह की गिरफ्तारी उचित नहीं है और उनकी अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली.
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