मनोरंजन डेस्क. भारतीय सिनेमा के इतिहास में कुछ ऐसे नाम हैं जिनकी शख्सियत समय के साथ और भी निखरती जाती है – उन्हीं में से एक हैं देव आनंद।
50 और 60 के दशक में बॉलीवुड पर राज करने वाले देव साहब सिर्फ एक्टर नहीं बल्कि स्टाइल आइकन बन गए थे। उनकी मुस्कुराहट, डायलॉग डिलीवरी और पहनावा लोगों के दिलों को छू गया।
देव आनंद का स्टाइल लोगों का क्रेज बन गया
देव आनंद उस दौर के सबसे स्टाइलिश हीरो माने जाते थे। उनकी सफेद शर्ट और काला कोट युवाओं के बीच ट्रेंड बन गया। देव साहब जहां भी जाते, वहां भीड़ जमा हो जाती।
खासकर उनकी महिला प्रशंसक उनकी इस कदर दीवानी थीं कि उन्हें देखने के लिए छतों और बालकनियों पर चढ़ जाती थीं। कई बार तो ये दीवानगी इतनी खतरनाक हो जाती थी कि लड़कियां उनकी एक झलक पाने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल देती थीं।
कोर्ट ने लगाया था ‘काले कोट पर बैन’
काले कपड़ों के प्रति देव आनंद की दीवानगी इतनी बढ़ गई थी कि यह फैशन उनके लिए खतरा बन गया था। कहा जाता है कि जब देव साहब सार्वजनिक जगहों पर काला कोट-पैंट पहनकर जाते थे तो कई लड़कियां उन्हें देखकर बेहोश हो जाती थीं या छत से कूद भी जाती थीं।
हालात इतने ख़राब हो गए कि कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा और देव आनंद को सार्वजनिक स्थानों पर काला कोट पहनने से रोक दिया गया।
हालांकि देव साहब ने बाद में एक इंटरव्यू में कहा था कि यह एक अतिरंजित कहानी थी, लेकिन यह सच है कि उनकी शैली की लोकप्रियता को लेकर उस समय कई कहानियां मशहूर थीं।
‘हम एक हैं’ से शुरू हुआ फिल्मी सफर
देव आनंद ने 1948 में फिल्म हम एक हैं से बॉलीवुड में एंट्री की। उसी साल उनकी फिल्म जिद्दी रिलीज हुई, जिसने उन्हें स्टारडम तक पहुंचा दिया। इसके बाद उन्होंने गाइड, जॉनी मेरा नाम, पेइंग गेस्ट, तेरे घर के सामने जैसी फिल्मों से अपनी पहचान अमर कर ली।
एक युग का अंत
देव आनंद ने अपने जीवन में 100 से अधिक फिल्मों में काम किया और लगभग छह दशकों तक हिंदी सिनेमा पर राज किया। देव साहब साल 2011 में दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन उनका स्टाइल, उनका जादू और उनका काला कोट आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।



