नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: राज्योत्सव के पहले दिन रायपुर भक्ति और उल्लास से सराबोर रहा। इस मौके पर नईदुनिया ने देश के मशहूर भजन गायक हंसराज रघुवंशी से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपने संगीत सफर, निजी जिंदगी और आने वाले नए भजन के बारे में खुलकर बात की। सहज, सरल और विनम्र स्वभाव के हंसराज ने कहा- “मैं जो कुछ भी हूं, बाबा महादेव की कृपा से हूं। मेरे गाने लोगों के दिलों में तभी उतरते हैं, जब उनमें सच्ची श्रद्धा हो।”
“मेरा सौभाग्य है कि मैं माता कौशल्या की पवित्र भूमि पर आया हूं।”
हंसराज ने कहा- “मेरा सौभाग्य है कि मैं माता कौशल्या की पवित्र भूमि छत्तीसगढ़ आया हूं। यह राज्य अपनी संस्कृति और सादगी के लिए जाना जाता है। मैं यहां कई बार आया हूं, रायपुर, बस्तर और भोरमदेव में कार्यक्रम कर चुका हूं। यहां के लोगों का प्यार मुझे हमेशा खींचता है।”
मैं जब भी छत्तीसगढ़ आता हूं तो यहां का खाना जरूर खाता हूं।
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “यहां का खाना बहुत स्वादिष्ट है, नाम तो याद नहीं है लेकिन जो भी डिश है वो बहुत स्वादिष्ट है. वैसे मुझे खिचड़ी बहुत पसंद है. मैं नवा रायपुर के जंगल सफारी में भी गया हूं, बहुत मजा आया. छत्तीसगढ़ तेजी से विकास कर रहा है.”
“भजन तभी हिट होता है जब बाबा प्रसन्न होते हैं”
भजन की लोकप्रियता पर उन्होंने कहा, “हर कलाकार का अपना हुनर होता है, लेकिन भजन लोगों तक तभी पहुंचता है जब बाबा की कृपा हो. हमारे असली रचयिता तो स्वयं महादेव हैं.”
उन्होंने बताया कि उन्हें बॉलीवुड से कई ऑफर मिलते हैं, “लेकिन मैं वही गाता हूं जो मुझे अंदर से गाने का मन करता है। मेरे लिए शांति ज्यादा महत्वपूर्ण है, प्रसिद्धि नहीं।”
“खाना बनाना मेरा शौक है”
हंसराज ने हंसते हुए कहा, “मैं सिर्फ गाता ही नहीं, खाना भी बनाता हूं. मुझे खाना बनाने का बहुत शौक है. मैं चपाती, परांठे, सब्जी बनाता हूं. मुझे खाना बनाते वक्त भी उतनी ही शांति महसूस होती है, जितनी भजन गाते वक्त होती है.”
“नए साल में आ रहा है मेरा नया भजन”
उन्होंने खुलासा किया- “नया साल मेरे लिए खास होगा क्योंकि मेरा नया भजन आ रहा है. भजन का नाम ‘शिव गौरा का प्यार’ लोगों को खूब पसंद आने वाला है. इस भजन में मेरी खुद की जिंदगी की कहानी है. इसमें मेरी पत्नी के साथ मेरी दो बार की शादी का पूरा विश्लेषण है. यह भजन प्यार, विश्वास और जिंदगी के उतार-चढ़ाव को दर्शाता है.”
“भजन सुनने से मन को शांति मिलती है
समाज के बदलते स्वरूप पर उन्होंने कहा- “आजकल लोग बहुत गुस्से में हैं। भजन सुनने से मन शांत होता है, अंदर से शांति मिलती है। मेरा मकसद है कि मेरे गाने लोगों के दिलों को राहत पहुंचाएं।”
“लोग मुझे बाबा जी कहते हैं क्योंकि मेरा भजन ऐसा है।”
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “लोग मुझे बाबा जी कहते हैं क्योंकि मेरा भजन ‘बाबा जी’ बहुत प्रसिद्ध हुआ। अब यह नाम मेरे दिल के करीब है और लोगों का प्यार बन गया है।”
“मैं छत्तीसगढ़ में एक प्रोजेक्ट करना चाहता हूं”
उन्होंने कहा, “जब भी मौका मिलेगा, मैं छत्तीसगढ़ में किसी संगीत या सांस्कृतिक प्रोजेक्ट पर काम करूंगा. यहां की मिट्टी में भक्ति और संगीत दोनों बसते हैं.”



