लखनऊ, अमृत विचार: पं. में चल रहे उत्तराखंड महोत्सव के दूसरे दिन। गोमती तट पर स्थित गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक पार्क, छोलिया दल में उत्तराखंड की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली। एकल गायन में अंबादत्त कांडपाल प्रथम, देवेश्वरी पवार द्वितीय और रेनू सिन्हा तृतीय स्थान पर रहे।
उत्तराखंड महोत्सव के दूसरे दिन कार्यक्रमों की शुरुआत मुख्य अतिथि एनटीपीसी के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक और क्षेत्रीय प्रमुख समीरन सिन्हा रे और एनटीपीसी लेडीज क्लब की उपाध्यक्ष संगीता सिन्हा रे ने जनरल काउंसिल के अधिकारियों के साथ दीप प्रज्ज्वलित करके की। 11 बजे से सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं शुरू हुईं। पुष्प वैष्णव, रेनू तिवारी एवं पुष्पा गैलाकोटी के मार्गदर्शन में दोपहर 2 बजे से 5 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए काफल एकल गायन प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया। सुनीता कनवाल और सीता नेगी निर्णायक रहीं। मीडिया प्रभारी राजेंद्र सिंह कनवाल ने बताया कि डांस उत्तराखंड डांस, नाचेगा भारत, झोड़ा, वॉयस ऑफ उत्तराखंड आदि प्रतियोगिताओं में पूरन सिंह जीना और महेंद्र सिंह गैलाकोटी ने सहयोग किया। इस मौके पर महासभा संयोजक दीवान सिंह अधिकारी, अध्यक्ष हरीश चंद्र पंत, महासचिव भरत सिंह बिष्ट, सचिव राजेश बिष्ट, मंगल सिंह रावत, महेश रौतेला, पूरन सिंह जीना, केएस चुफाल, शेर सिंह भाकुनी, भुवन पटवाल, अशोक असवाल, रमेश अधिकारी, सुरेश जोशी, सुनील उप्रेती, भुवन पाठक, पान सिंह व कैलाश सिंह आदि मौजूद रहे।
महिषासुरमर्दिनी में देवी के नौ रूपों के दर्शन
डॉ. रूबी राज सिन्हा के निर्देशन में बैदेही वेलफेयर फाउंडेशन ने महिषासुरमर्दिनी में देवी के नौ रूपों के दर्शन का आयोजन किया। नृत्य नाटिका में डॉ. रूबी राज सिन्हा (आदिशक्ति), कल्पना सिंह (राधा रानी), आरती निगम (शेरावाली मैया), पूनम श्रीवास्तव (काली माता), निरुपमा गुप्ता (रुक्मिणी) और रेनू सिन्हा (महालक्ष्मी) के रूप में नजर आईं।
एक मंच पर अवधी, भोजपुरी संस्कृति की झलक
महोत्सव में अन्या भट्ट का नृत्य, नम्रता मिश्रा का भजन, रंजना जोशी का गायन, सुप्रिया रावत का भोजपुरी गायन और लोक भजन, लोक संगीत फाउंडेशन की प्रस्तुति, लोक संस्कृति फाउंडेशन की अनन्या, आव्या, प्रीति नेगी ने मेरी ढाई हाथे धमेली पूजी के कमरा… और गुलाबी सारारा… गीत पर पहाड़ी लोक नृत्य प्रस्तुत किया और संगीत संस्कृति फाउंडेशन की सीमा जोशी ने रजनी गंधा के निर्देशन में समूह लोक नृत्य और अवधी लोक गायन प्रस्तुत किया। सनातन संस्कार मंच की रजनी तिवारी के निर्देशन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।



