सूर्य गोचर: 16 नवंबर 2025 को सूर्य देव तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे वृश्चिक संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, सूर्य पूजा और दान का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव का यह गोचर कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ साबित होगा। कुछ राशियों के लोगों को करियर, शिक्षा और सम्मान में विशेष लाभ मिलेगा।
प्रकाशित तिथि: सोम, 03 नवंबर 2025 06:30:34 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: सोम, 03 नवंबर 2025 06:30:34 अपराह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- 16 नवंबर को सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे।
- सूर्य पूजा, स्नान और दान से शुभ फल की प्राप्ति होगी।
- कुंभ राशि के जातकों को करियर में सफलता मिलेगी।
धर्म डेस्क: वैदिक पंचांग के अनुसार रविवार 16 नवंबर 2025 को सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन को वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य देव को आत्मा, ऊर्जा और नेतृत्व का कारक माना जाता है। इसी कारण से सूर्य के राशि परिवर्तन से व्यक्ति के आत्मविश्वास, पद और करियर पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
यह गोचर दोपहर 1:37 बजे होगा और सूर्य देव 15 दिसंबर तक वृश्चिक राशि में रहेंगे। अगले दिन यानी 16 दिसंबर को वे धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान सूर्य देव की स्थिति कुछ राशियों के लिए विशेष रूप से कुंभ और मीन राशि के लोगों के लिए अत्यधिक फलदायी साबित होगी।
कुम्भ
सूर्य देव के वृश्चिक राशि में गोचर के कारण कुंभ राशि के जातकों को करियर में बड़ी सफलता मिल सकती है। जो लोग सरकारी सेवा में हैं उन्हें पदोन्नति या सम्मान मिलने की संभावना है। कार्यस्थल पर नेतृत्व क्षमता बढ़ेगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा और समाज में प्रतिष्ठा का स्तर बढ़ेगा। पिता के साथ संबंध मधुर रहेंगे और उनके सहयोग से कार्यों में सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य लाभ होगा और शारीरिक कष्ट से मुक्ति मिलेगी।
मीन राशि
सूर्य देव का यह गोचर मीन राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ रहेगा। कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग बनेंगे। उच्च शिक्षा और विदेश यात्रा के अवसर मिल सकते हैं। जो लोग कानून, शिक्षा या प्रशासनिक सेवा से जुड़े हैं उन्हें विशेष सफलता मिल सकती है। पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे और भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। सूर्य की कृपा से मान-सम्मान और प्रसिद्धि भी बढ़ेगी। सूर्य देव की नियमित पूजा, अर्घ्य दान और पवित्र नदियों में स्नान करने से शुभ फल मिलेगा।



