महाभारत के सबसे शक्तिशाली हथियार: महाभारत का युद्ध इतिहास के सबसे भीषण और महाकाव्य युद्धों में गिना जाता है। इस युद्ध में ऐसे कई दिव्य अस्त्र-शस्त्रों का जिक्र मिलता है। आइए जानते हैं महाभारत में इस्तेमाल किए गए उन अद्भुत और शक्तिशाली हथियारों के बारे में-
प्रकाशित तिथि: बुध, 29 अक्टूबर 2025 04:21:05 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: बुध, 29 अक्टूबर 2025 04:21:22 अपराह्न (IST)
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- महाभारत का युद्ध इतिहास के सबसे भीषण युद्धों में गिना जाता है।
- कुछ हथियारों का सिर्फ एक प्रहार ही पूरे युद्ध को समाप्त कर सकता है।
- पाशुपतास्त्र को महाभारत का सबसे विनाशकारी हथियार माना जाता है।
धर्म डेस्क. महाभारत का युद्ध इतिहास के सबसे भीषण और महाकाव्य युद्धों में गिना जाता है। इस युद्ध में कई ऐसे दिव्य अस्त्र-शस्त्रों का जिक्र मिलता है, जिनकी शक्ति का अंदाजा लगाना आज भी मुश्किल है।
कुछ हथियार इतने प्रभावशाली थे कि उनके एक वार से ही पूरा युद्ध समाप्त हो सकता था। आइए जानते हैं महाभारत में इस्तेमाल किए गए उन अद्भुत और शक्तिशाली हथियारों के बारे में-
अर्जुन के पास था ‘पाशुपतास्त्र’
भगवान शिव द्वारा दिया गया पाशुपतास्त्र महाभारत का सबसे विनाशकारी हथियार माना जाता है। यह अस्त्र संपूर्ण पृथ्वी को नष्ट कर सकता था। ऐसा कहा जाता है कि यह हथियार केवल अर्जुन को तब प्राप्त हुआ था जब उन्होंने भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी। परंतु इसके प्रयोग से सृष्टि के विनाश के भय से अर्जुन ने युद्ध में इसका प्रयोग नहीं किया।
ब्रह्मास्त्र – ब्रह्मा का सबसे घातक हथियार
इस दिव्य अस्त्र का निर्माण स्वयं ब्रह्मा ने किया था। कहा जाता है कि ब्रह्मास्त्र का मुकाबला कोई दूसरा ब्रह्मास्त्र ही कर सकता था। महाभारत के युद्ध में अर्जुन, कर्ण, अश्वत्थामा, द्रोणाचार्य और युधिष्ठिर जैसे योद्धाओं को इसका ज्ञान था। इसके प्रयोग से भूमि बंजर हो गयी और आकाश में अंधकार छा गया।
नारायणास्त्र – भगवान विष्णु का सबसे शक्तिशाली हथियार
नारायणास्त्र भगवान विष्णु का बहुत शक्तिशाली हथियार था। लाखों अग्निबाणों और प्रक्षेपास्त्रों की वर्षा होने लगी, जिन्हें कोई भी शस्त्र नहीं रोक सका। इससे बचने का एक ही रास्ता था- समर्पण. अश्वत्थामा ने अपने पिता द्रोणाचार्य की मृत्यु के बाद पांडव सेना पर इसका इस्तेमाल किया, जिससे हजारों सैनिक मारे गए।
आग्नेयास्त्र – वह हथियार जो सब कुछ जला देता है
यह अस्त्र अग्निदेव का वरदान था, जो अपने लक्ष्य को क्षण भर में जलाकर राख कर सकता था। इसे केवल पारंपरिक हथियारों से ही निष्क्रिय किया जा सकता है। यह अस्त्र गुरु द्रोणाचार्य ने अर्जुन को दिया था।
वासवी शक्ति – इंद्र का एकमात्र और अचूक हथियार
देवेन्द्र इन्द्र द्वारा दिया गया वासवी शक्ति अस्त्र इतना शक्तिशाली था कि उसे कोई विफल नहीं कर सकता था। कर्ण ने इसे अर्जुन के लिए सुरक्षित रखा था, लेकिन घटोत्कच को मारने के लिए उसे इसका उपयोग करना पड़ा। इस हथियार का प्रयोग केवल एक बार ही किया जा सकता था।
महाभारत के इन दिव्य अस्त्रों की शक्ति इतनी अद्भुत थी कि यदि इनका पूर्ण उपयोग किया जाता तो पूरा युद्ध एक ही दिन में समाप्त हो सकता था।



