गोवर्धन पूजा का पहला मुहूर्त 22 अक्टूबर को सुबह 6:26 बजे से 8:42 बजे तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त दोपहर 3:29 बजे से शुरू होगा और शाम 5:44 बजे तक रहेगा। इस दिन शाम की पूजा का समय दोपहर 3:29 बजे से शाम 5:44 बजे तक रहेगा.
प्रकाशित तिथि: सोम, 20 अक्टूबर 2025 04:54:56 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: सोम, 20 अक्टूबर 2025 04:58:51 अपराह्न (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। कार्तिक मास की अमावस्या पर धन-धान्य की देवी के साथ रिद्धि-सिद्धि के दाता श्री गणेश की पूजा की जाएगी। महालक्ष्मी की पूजा के बाद आतिशबाजी से दीपोत्सव का उल्लास आसमान में दिखाई देगा।
पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे शुरू होगी और 21 अक्टूबर को शाम 5:55 बजे समाप्त होगी.
दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए सबसे शुभ समय शाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक रहेगा.
दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए सबसे शुभ समय शाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक रहेगा. इस अवधि को प्रदोष काल और स्थिर लग्न का संयोग कहा जाता है, जो मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
घर में दिवाली की तैयारियां शुरू हो जाती हैं
घर की साफ-सफाई के बाद घरों व प्रतिष्ठानों को सजाया जा रहा है। धन की देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आकर्षक विद्युत सजावट की गई। रंग-बिरंगी झालरें लटकाई गई हैं। केले के पेड़ और आम के पत्तों के बंदर बगीचे लगाए जा रहे हैं। सोमवार सुबह से ही पूजा स्थल को सजाया जाएगा और शुभ समय पर परिवार नए कपड़े पहनकर मां लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा करेगा. घरों में दिवाली के पारंपरिक पकवान बनाए गए हैं. दिवाली की शुभकामनाएं देने आने वाले लोगों के स्वागत की भी तैयारी की गई है.
गोवर्धन पूजा 22 को
गोवर्धन पूजा का पहला मुहूर्त 22 अक्टूबर को सुबह 6:26 बजे से 8:42 बजे तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त दोपहर 3:29 बजे से शुरू होगा और शाम 5:44 बजे तक रहेगा। इस दिन शाम की पूजा का समय दोपहर 3:29 बजे से शाम 5:44 बजे तक रहेगा.