ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर न केवल भारत का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, बल्कि यह कई अनसुलझे रहस्यों और दैवीय घटनाओं का केंद्र भी है। इनमें से सबसे अद्भुत रहस्य है इस मंदिर की विशाल रसोई। इस रसोई की खासियत यह है कि प्रसाद कभी कम नहीं पड़ता और न ही बचता है, जिसे भक्त भगवान का चमत्कार मानते हैं।
प्रकाशित तिथि: रविवार, 09 नवंबर 2025 01:26:46 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: रविवार, 09 नवंबर 2025 01:26:46 अपराह्न (IST)
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- दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर रसोईघर.
- मिट्टी के सात बर्तनों का अनोखा क्रम।
- प्रसाद कभी भी कम या ज्यादा नहीं होता।
धर्म डेस्क: ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि सनातन संस्कृति, श्रद्धा और रहस्य का अद्भुत संगम है। इस मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता इसकी विशाल रसोई है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर रसोई माना जाता है। लगभग 44,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैली यह रसोई हर दिन लाखों भक्तों के लिए महाप्रसाद तैयार करती है।
यहां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि भक्तों की संख्या चाहे (20 हजार से 2 लाख तक) हो, महाप्रसाद न तो कम बनता है और न ही ज्यादा बनता है। मंदिर प्रशासन किसी भी तरह की माप नहीं करता, फिर भी प्रसाद सभी भक्तों तक पहुंचता है।
बर्तनों का उल्टा क्रम
यहां खाना बनाने का तरीका बहुत अनोखा है. सात मिट्टी के बर्तनों को एक के ऊपर एक रखकर लकड़ी की आग पर चढ़ाया जाता है। आश्चर्य की बात तो यह है कि सबसे ऊपर रखा बर्तन पहले पकता है और उसके बाद क्रम से नीचे का बर्तन पकता है। यह दृश्य भक्तों के लिए भगवान जगन्नाथ का प्रत्यक्ष चमत्कार माना जाता है।
देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद
माँ लक्ष्मी और माँ अन्नपूर्णा का आशीर्वाद
ऐसा माना जाता है कि इस रसोई पर हमेशा मां लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि यदि प्रसाद बनाने वाले रसोइये अहंकारी या अशुद्ध हो जाते हैं, तो मिट्टी के बर्तन स्वयं टूट जाते हैं, जो यह दर्शाता है कि भोजन केवल भक्ति और समर्पण के साथ बनाया जाना चाहिए।



