डिजिटल डेस्क। इस बार देव दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा के शुभ संयोग पर आसमान में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा. 5 नवंबर 2025 की रात चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होगा। इस दौरान यह सामान्य दिनों की तुलना में बड़ा, चमकीला और चमकीला दिखाई देगा। इसकी चांदनी से धरती का कोना-कोना रोशनी से नहा उठेगा, जिससे माहौल और भी मनमोहक हो जाएगा.
खगोलविदों के अनुसार, जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे करीब आता है और उसी दिन पूर्णिमा होती है, तो इसका आकार और चमक कई गुना बढ़ जाती है। यही कारण है कि इस रात को साल के सबसे चमकीले चंद्रमा के रूप में याद किया जाएगा।
ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष संयोग
बूढ़ानाथ मंदिर के ज्योतिषाचार्य पं.भूपेश मिश्र ने बताया कि यह संयोग न सिर्फ खगोलीय दृष्टि से बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि बुधवार, 5 नवंबर को चंद्रमा मेष राशि में और सूर्य तुला राशि में रहेगा.
उन्होंने बताया कि पृथ्वी के 23.5 डिग्री पर झुके होने के कारण चंद्रमा की रोशनी और आकार सामान्य से ज्यादा दिखाई देगा. सूर्य के सप्तम भाव में होने से चंद्रमा पूर्ण तेजोमय दिखाई देगा। ज्योतिष शास्त्र में इस संयोग को ऊर्जा, मानसिक प्रसन्नता और रचनात्मकता बढ़ाने वाला माना जाता है।
खगोल विज्ञान प्रेमियों में उत्साह
इस खगोलीय घटना को लेकर भागलपुर और आसपास के इलाकों में उत्सुकता है. खगोल विज्ञान प्रेमी, फोटोग्राफर और बच्चे सुपरमून की झलक कैमरे में कैद करने की तैयारी कर रहे हैं।
यदि मौसम साफ़ है, तो चंद्रमा सामान्य पूर्णिमा की तुलना में लगभग 14% बड़ा और 30% अधिक चमकीला दिखाई देगा। सूर्योदय के बाद भी इसकी रोशनी का असर काफी देर तक महसूस किया जाएगा।
सुपरमून 2025 का बेहतर दृश्य कैसे प्राप्त करें
शाम 7:30 बजे के बाद अगर पूर्व दिशा में आसमान साफ रहेगा तो आपको चंद्रमा का साफ नजारा देखने को मिलेगा.
शहर के बाहर या खुले मैदानों से देखने पर इसकी चमक और भी ज्यादा महसूस होगी।
ये भी पढ़ें- स्वास्तिक चिन्ह: स्वास्तिक बनाते समय रखें इन बातों का ध्यान, घर में रहेगी धन की बरकत



