व्रत में क्या खाएं? (देवउठनी एकादशी पर क्या खाएं)
1. फल और मेवे
इस दिन आप सभी प्रकार के ताजे फल जैसे केला, सेब, अमरूद, पपीता, अनार आदि खा सकते हैं। साथ ही बादाम, काजू, किशमिश और अखरोट जैसे सूखे मेवे भी ऊर्जा प्रदान करते हैं।
2. व्रत के लिए उपयुक्त सब्जियाँ
इस दिन आलू, शकरकंद, तारो और साबूदाना खाया जा सकता है. इनसे व्रत के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं.
3. कुट्टू और सिंघाड़े का आटा
व्रत के दौरान गेहूं या चावल नहीं खाया जाता, इसलिए कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा या राजगिरा आटा अच्छे विकल्प हैं. इनसे पूड़ी, पराठा या पकौड़ा बनाया जा सकता है.
4. डेयरी उत्पाद
व्रत के दौरान दूध, दही, छाछ, पनीर और घी का सेवन शुभ माना जाता है। ये शरीर को शक्ति और संतुलन प्रदान करते हैं।
5. नमक और सात्विक मसाले
सेंधा नमक का ही प्रयोग करें। स्वाद के लिए काली मिर्च, हरी मिर्च, अदरक और जीरा पाउडर जैसे सात्विक मसालों का उपयोग किया जा सकता है।
व्रत के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए? (देवउठनी एकादशी 2025 पर क्या नहीं खाना चाहिए)
1. अनाज पूर्णतया वर्जित है
इस दिन चावल, गेहूं, जौ, बाजरा, मक्का और सभी प्रकार की दालें नहीं खानी चाहिए। ये व्रती को अशुद्ध कर देते हैं।
2. तामसिक भोजन से परहेज
लहसुन, प्याज, मांस, मछली और शराब जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन सख्त वर्जित है।
3. साधारण नमक का प्रयोग न करें
व्रत के दौरान साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का ही प्रयोग करें।
4. कुछ सब्जियों से दूर रहें
इस दिन गोभी, गाजर, पालक, बैंगन और शलजम जैसी सब्जियां नहीं खानी चाहिए।
देवउठनी एकादशी 2025 व्रत अनुष्ठान
1. संकल्प एवं स्नान
सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
2. ब्रह्मचर्य एवं सात्विकता का पालन
इस दिन मन, वचन और कर्म से पूर्ण सात्विकता और ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी है।
3. तुलसी के पत्ते एक दिन पहले तोड़ लें
-एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। अगर आप इन्हें खाने में इस्तेमाल करना चाहते हैं तो एक दिन पहले ही इन्हें तोड़ लें.
4. निंदा, झूठ और विवाद से बचें
इस दिन किसी की निंदा करना, झूठ बोलना या बहस करना वर्जित माना गया है।
5. लोकजनता और भजन-कीर्तन
-एकादशी के दिन सोना वर्जित है। इस दिन रात्रि के समय भजन-कीर्तन और विष्णु नाम का जाप करना बहुत शुभ होता है।
6. मार्ग विधि
द्वादशी तिथि के शुभ मुहूर्त पर व्रत खोलें। पारण के समय चावल या तामसिक वस्तुओं का प्रयोग न करें।



