छठ पूजा 2025: शनिवार को नहाय खाय के साथ छठ पर्व शुरू हो गया है. अब रविवार को खरना है यानी व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखेंगी और शाम को चावल से बनी खीर का सेवन करेंगी. इसके बाद उनका 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होगा, जो 28 अक्टूबर की सुबह उगते सूर्य की पूजा के साथ पूरा होगा.
प्रकाशित तिथि: शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 09:31:16 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 09:31:15 अपराह्न (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि, शहडोल। शनिवार को नहाय खाय के साथ छठ पर्व शुरू हो गया है. अब रविवार को खरना है यानी व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखेंगी और शाम को चावल से बनी खीर का सेवन करेंगी. इसके बाद उनका 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होगा, जो 28 अक्टूबर की सुबह उगते सूर्य की पूजा के साथ पूरा होगा. यह छठ पूजा बच्चों और उनके परिवार की सुख-समृद्धि के लिए की जाती है। उत्तर पूर्व भारतीय परिवारों में यह कार्यक्रम पूरे रीति-रिवाज के साथ आयोजित किया जाता है।
मुख्य प्रसाद के लिए ठेकुआ तैयार है.
इसे लेकर भारी उत्साह है. मोहन राम तालाब के घाट पर 400 से अधिक परिवारों के लिए 190 वेदियां बनाई गई हैं। इसके अलावा बड़ी भीठ में 200 और एमपीईवी कॉलोनी में 10 से अधिक परिवारों के लिए बेदी निर्माण सहित अन्य तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। तालाब के चारों ओर साफ-सफाई के साथ ही रंग-रोगन का कार्य पूरा कर लिया गया है। मुख्य प्रसाद के लिए ठेकुआ तैयार है.
रविवार को छोटकी छठ मनाई जायेगी
सूर्य उपासना के इस पर्व में भगवान काली और नरसिम्हा का नृत्य आकर्षण का केंद्र होगा. इसके लिए बाहर से कलाकार आयेंगे. इस महोत्सव में करीब 10 हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. आज रविवार 26 अक्टूबर को छोटकी छठ मनाई जाएगी. सोमवार 27 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी.
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महोत्सव का समापन 28 अक्टूबर को होगा
इसके बाद 28 अक्टूबर की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाएगा. नॉर्थ ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मोहनराम तालाब मंदिर परिसर में चल रही तैयारियों का निरीक्षण किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष रवींद्र प्रसाद ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम मोहनराम तालाब पर होगा.



