दरअसल, कार्तिक माह में बदलते मौसम के कारण सर्दी, खांसी, बुखार, त्वचा संबंधी समस्याएं और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे समय में अन्नकूट जैसे पारंपरिक व्यंजन न केवल शरीर को पोषण देते हैं बल्कि मौसम में बदलाव के कारण होने वाली बीमारियों से भी बचाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि अन्नकूट सिर्फ भगवान श्री कृष्ण को चढ़ाया जाने वाला प्रसाद नहीं है, बल्कि एक आयुर्वेदिक भोजन परंपरा है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करता है। अन्नकूट का प्रत्येक निवाला भक्ति, स्वाद और स्वास्थ्य का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करता है।



