डीएनए को आमतौर पर जीवों में आनुवंशिक जानकारी के वाहक के रूप में जाना जाता है, लेकिन हाल के शोध से एक बहुत ही दिलचस्प क्षमता का पता चला है। वैज्ञानिकों के अनुसार डीएनए में अग्निरोधी गुण पाए जाते हैं। जब सूती कपड़ों पर डीएनए का लेप लगाया जाता है, तो वे तेजी से आग पकड़ने के बजाय आग को रोकने का काम करते हैं। इसका मुख्य कारण डीएनए की रासायनिक संरचना है।
इसमें मौजूद फॉस्फेट गर्म होने पर फॉस्फोरिक एसिड बनाता है, जो कपड़े की सतह पर एक सुरक्षात्मक परत बनाता है। यह परत आग और ऑक्सीजन के संपर्क को कम करती है, जिससे कपड़े को जलने से बचाया जा सकता है। नाइट्रोजन तत्व गर्म होकर अमोनिया गैस बनाता है, जो दहन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करता है और आग को फैलने नहीं देता है।
चूंकि डीएनए एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला और पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित पदार्थ है, इसलिए इसे पर्यावरण-अनुकूल अग्निरोधी विकल्प माना जा रहा है। भविष्य में इस तकनीक का उपयोग कपड़ों, सुरक्षा उपकरणों और घरेलू सामानों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए किया जा सकता है।



