ट्राई 1600 कॉलिंग नियम: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने वॉयस कॉल के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए अनिवार्य समय सीमा के साथ बैंकिंग और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए नई 1600 नंबरिंग श्रृंखला को लागू करने का आदेश जारी किया है।
सभी बैंकों के लिए समय सीमा तय
ट्राई ने साफ कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी बैंक और विदेशी बैंक 1 जनवरी 2026 तक सभी सेवा और लेनदेन कॉल 1600 श्रृंखला के माध्यम से ही करेंगे। इससे ग्राहकों को तुरंत वास्तविक बैंक कॉल और धोखाधड़ी कॉल के बीच अंतर पता चल जाएगा।
नियामक संस्थाओं के लिए भी समयसीमा तय
आरबीआई, सेबी और पीएफआरडीए द्वारा विनियमित सभी संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से इस श्रृंखला को अपनाना होगा। ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने और स्पैम कॉल रोकने के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है।
म्यूचुअल फंड और ब्रोकरेज को कब अपनाएं?
सभी म्यूचुअल फंड हाउस और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को 15 फरवरी 2026 तक इस सिस्टम में आना होगा. शेयर बाजार से जुड़े योग्य ब्रोकर्स के लिए आखिरी तारीख 15 मार्च 2026 तय की गई है.
एनबीएफसी, भुगतान बैंकों और छोटे संस्थानों के लिए समय सीमा
बड़े एनबीएफसी, भुगतान बैंकों और छोटे वित्त बैंकों को 1 फरवरी, 2026 तक 1600 श्रृंखला को अपनाना होगा। अन्य एनबीएफसी, सहकारी बैंकों, ग्रामीण बैंकों और छोटे संस्थानों के लिए, अंतिम तिथि 1 मार्च, 2026 है।
ट्राई 1600 कॉलिंग नियम: 1600 सीरीज क्यों महत्वपूर्ण है?
डीओटी ने बीएफएसआई सेक्टर और सरकारी संगठनों को यह विशेष श्रृंखला दी है ताकि उनकी कॉल को सामान्य वाणिज्यिक कॉल से अलग किया जा सके। इससे कॉल करने वाले की पहचान स्पष्ट हो जाएगी और वित्तीय धोखाधड़ी की गुंजाइश काफी कम हो जाएगी.
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