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Wednesday, October 22, 2025
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जगुआर लैंड रोवर साइबर अटैक: जेएलआर पर अब तक का सबसे बड़ा साइबर हमला, एक नजर दुनिया के सबसे बड़े साइबर हमलों पर


जगुआर लैंड रोवर साइबर अटैक: ब्रिटेन की लग्जरी कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) इस समय एक बड़े साइबर हमले की चपेट में है। अगस्त 2025 में हुए इस हमले को ब्रिटेन का अब तक का सबसे महंगा साइबर हमला बताया जा रहा है. एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना से कंपनी को करीब £1.9 बिलियन (करीब ₹20,000 करोड़) का भारी नुकसान हुआ है। इस हमले ने न केवल जेएलआर की फैक्ट्रियों को पंगु बना दिया, बल्कि हजारों आपूर्तिकर्ताओं और डीलरशिप को भी प्रभावित किया।

जगुआर लैंड रोवर का क्या हुआ?

अगस्त 2025 में JLR के सिस्टम पर बड़ा साइबर अटैक हुआ था, जिसके बाद कंपनी को करीब 5 से 6 हफ्ते के लिए प्रोडक्शन बंद करना पड़ा था. इस दौरान कंपनी को हर हफ्ते करीब £50 मिलियन (करीब ₹530 करोड़) का नुकसान हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले से सोलिहुल, हेलवुड और वॉल्वरहैम्प्टन प्लांट बुरी तरह प्रभावित हुए, जहां रोजाना करीब 1,000 कारें बनती हैं.

क्या और कितनी सरकारी मदद और आर्थिक असर?

कंपनी ने स्थिति को संभालने के लिए ब्रिटिश सरकार से £1.5 बिलियन (₹16,000 करोड़) का ऋण लिया। साइबर मॉनिटरिंग सेंटर (सीएमसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना यूके के इतिहास में सबसे अधिक आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाली साइबर घटना रही है। सीएमसी ने इस घटना को लेवल-3 गंभीरता (जहां लेवल-5 को सबसे खतरनाक माना जाता है) पर रखा है। तुलना के लिए, एम एंड एस, को-ऑप और हैरोड्स पर साइबर हमले लेवल-2 पर थे, जिससे कुल £270-440 मिलियन का नुकसान हुआ।

जेएलआर की बिक्री और कारोबार पर असर

हमले की वजह से कंपनी की थोक बिक्री में 24.2% की गिरावट आई है। जेएलआर के सीईओ एड्रियन मार्डेल ने कहा, यह तिमाही हमारे लिए चुनौतीपूर्ण रही है। पहले दो महीने उम्मीद के मुताबिक रहे, लेकिन साइबर हमले ने सब कुछ बदल दिया। कंपनी का कहना है कि सिस्टम अब कुछ हद तक बहाल हो गए हैं, लेकिन पूरी तरह ठीक होने में 2026 की शुरुआत तक का समय लग सकता है।

यह किस तरह का साइबर हमला था?

जेएलआर ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि यह रैनसमवेयर हमला था या किसी अन्य प्रकार की हैक। यह भी स्पष्ट नहीं है कि कंपनी ने हैकर्स को कोई फिरौती दी या नहीं। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रकम कुल नुकसान के अनुमान में शामिल नहीं है.

इतिहास में सबसे महंगे साइबर हमले कौन से रहे हैं?

दुनिया में अब तक कई साइबर हमलों से अरबों डॉलर का नुकसान हो चुका है:

नोटपेट्या हमला (2017): लगभग 10 अरब डॉलर (83,000 करोड़ रुपये) का नुकसान – इसे अब तक का सबसे महंगा साइबर हमला माना जाता है।

ILOVEYOU वायरस (2000): लगभग $15 बिलियन (₹1.2 लाख करोड़) का नुकसान।

अब जगुआर लैंड रोवर का यह साइबर हमला ब्रिटेन के इतिहास की इन घटनाओं से तुलनीय हो गया है.

भविष्य के लिए खतरे की घंटी

साइबर मॉनिटरिंग सेंटर ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में लेवल-4 या लेवल-5 साइबर हमले भी संभव हैं, जिससे और भी बड़ा आर्थिक झटका लग सकता है. जेएलआर का यह उदाहरण दिखाता है कि साइबर सुरक्षा न केवल आईटी कंपनियों के लिए बल्कि हर उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है।

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