India Inc Red Alert: डिजिटल कारोबार के तेजी से बढ़ते दौर में भारतीय कंपनियां अब साइबर हमलों और डेटा गोपनीयता जोखिमों को सबसे बड़ा खतरा मान रही हैं। एओन के वैश्विक जोखिम प्रबंधन सर्वेक्षण 2025 से पता चला है कि भारतीय कंपनियां साइबर खतरों को लेकर पहले से कहीं अधिक सतर्क हो गई हैं।
साइबर हमले और डेटा उल्लंघन सबसे बड़ी चिंता हैं
सर्वेक्षण के अनुसार, अधिकांश भारतीय कंपनियों ने स्वीकार किया कि साइबर हमले और डेटा उल्लंघन उनके लिए लगातार बढ़ता जोखिम है। डेटा गोपनीयता अनुपालन का पूरा न होना अब एक गंभीर खतरा बनकर उभरा है, जिससे साफ पता चलता है कि नियामक दबाव तेजी से बढ़ रहा है।
प्रतिभा संकट और नियामक जटिलता भी चुनौतियाँ बन जाती हैं
रिपोर्ट से पता चलता है कि कंपनियां नई प्रतिभाओं को खोजने और उन्हें बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इसके साथ ही एशिया के अन्य देशों की तुलना में भारत में विनिमय दर में अस्थिरता अधिक तीव्रता से महसूस की जा रही है।
भारतीय कंपनियों की डिजिटल तैयारियों पर Aon का बयान
एओन इंडिया के सीईओ ऋषि मेहरा ने कहा कि डिजिटल व्यवधान, प्रतिभा अनुकूलनशीलता और भू-राजनीतिक परिवर्तनों के बीच भारतीय संगठन अत्यधिक चुस्ती दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा- कंपनियों को न सिर्फ साइबर डिफेंस मजबूत करना होगा, बल्कि खुद को बदलते खतरे के पैटर्न के मुताबिक तेजी से ढालना भी जरूरी है।
कंपनियां जोखिम प्रबंधन को तेजी से औपचारिक बना रही हैं
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 70% भारतीय संगठनों ने कहा कि उन्होंने समर्पित जोखिम प्रबंधन और बीमा विभाग बनाए हैं। लगभग 65% कंपनियाँ अब नियमित रूप से जोखिम लागतों को माप रही हैं और अधिकांश ने इन लागतों में वृद्धि की सूचना दी है।
इंडिया इंक रेड अलर्ट: 63 देशों, 3,000 हितधारकों पर आधारित सर्वेक्षण
हर दो साल में आयोजित होने वाला यह सर्वेक्षण 63 देशों के लगभग 3,000 जोखिम प्रबंधकों और सी-सूट अधिकारियों की अंतर्दृष्टि पर आधारित है। रिपोर्ट से पता चलता है कि जोखिम प्रबंधन अब कंपनियों की प्राथमिक रणनीति का हिस्सा बन गया है।
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